समय से पहले विद्यालय में जड़ा ताला आखिरकार छात्र छात्रों का जिम्मेदार कौन?

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शिक्षकों की मनमानी विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में ,,

शासकिय प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला सिंगारपुर में शिक्षकों की मनमानी समय से पहले स्कूल बन्द।

सारंगढ़ बिलाईगढ़ //शासन-प्रशासन जहां छात्र छात्राओं के शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे है , तो वही दूसरी ओर शिक्षकों की मनमानी रवैया देखने को मिल रही है ।आपको बता दे कि मामला शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला सिंगारपुर का है ,जहां प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला में हमारे मीडिया टीम समाचार संकलन के दौरान सिंगारपुर पहुंचे तो पाया गया कि दोपहर लगभग 3:32 में शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय में ताला जड़ दिया गया था ।

विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है । इससे यह अंदाजा लगा सकते हैं कि शिक्षक क्या बच्चों के प्रति सक्रिय है
जी हाँ आपको बता दें की यह पुरा मामला सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला बरमकेला विकासखंड के शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला सिंगारपुर का है जहां पर हमारे मीडिया टीम दिनांक 07/08/2025 सोमवार को समाचार संकलन के दौरान क्षेत्र में विचरण कर रहे रहे थे तभी दोपहर को 3 बजकर 32 मिनट के आस पास शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला सिंगारपुर का गेट बंद नजर आया ठीक आस पास खेल रहे बच्चों से पूछे जाने पर बताया गया कि छुट्टी दे दिया गया है।

तदोपरांत शासकीय माध्यमिक शाला सिंगारपुर के प्रधान पाठक से दूरभाष के माध्यम से जानकारी पूछे जाने पर बताया गया कि आज स्कूल में कितना समय छुट्टी दिया गया है करके तो प्रधान पाठक के द्वारा बताया गया कि 4 बजे छुट्टी दिया गया है लेकिन जब प्रधान पाठक को हमारे मीडिया टीम के द्वारा बताया गया कि हम तो यहां स्कूल प्रांगण में 3 बजकर 30 मिनट से मौजूद है तो प्रधान पाठक के द्वारा बताया गया कि वह स्वयं छुट्टी पर है।

लेकिन जब प्रधान पाठक से संकुल समन्वयक का दूरभाष नंबर मांगा गया तो प्रधान पाठक संकुल समन्वयक के नंबर देने से बचते नजर आए तदोपरांत वहां से निकल कर हमारे मीडिया की टीम विकासखंड शिक्षा अधिकारी बरमकेला कार्यालय पहुंच कर संकुल समन्वयक का दूरभाष नंबर निकाल कर शासकीय माध्यमिक शाला सिंगारपुर के सहायक शिक्षक का दूरभाष नंबर लिया गया लेकिन बावजूद सहायक शिक्षक के द्वारा हमारे मीडिया टीम से दूरभाष में तु तड़ाक से बात करते नजर आये।

अब इसमें मामले में सवाल यह खड़ा होता है कि यदि शिक्षक ही समय से पहले स्कूल को बंद करके चले जाये तो फिर बच्चों के भविष्य का क्या होगा?

क्या विभाग के आला अधिकारी के लिए स्कूल को समय से पहले बंद करके जाने का जिम्मेदारी लेंगे आखिर कौन होगा इसका जिम्मेदार शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला प्रधान पाठक,संकुल समन्वयक ,विकासखंड शिक्षा अधिकारी अथवा जिला शिक्षा अधिकारी।

बरहाल इस मामले में विभाग के उच्च अधिकारियों के द्वारा शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला सिंगारपुर के शिक्षकों के ऊपर कोई उचित कार्यवाही करेंगे अथवा अपने ही विभाग के कर्मचारी होने के नाते संरक्षण प्रदान करेंगे?

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