
सारंगढ़ बिलाईगढ़ //2 दिन से धरने पर आक्रोशित एन एच एम संघ कहा छत्तीसगढ़ प्रदेश एन एच एम कर्मचारी संघ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत बीस वर्षों से कार्यरत प्रदेश के 16 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के हितों के लिए संघर्षरत है। 20 वर्षों में कई राज्यों में एन एच एम कर्मियों को ग्रेड पे, समान काम समान वेतन, जॉब सुरक्षा, अनुकंपा, मेडिकल बीमा, चिकित्सा अवकाश जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं किंतु छत्तीसगढ़ प्रदेश में ऐसे सकारात्मक बदलाव आज पर्यन्त नहीं किए गए जिससे कर्मचारियों की सामाजिक आर्थिक दशा बेहतर हो सके। वर्तमान सरकार के चुनावी घोषणा पत्र में मोदी की गारन्टी के तहत उक्त समस्याओं के समाधान का वादा भी किया गया है।
अतः इस कड़ी में छत्तीसगढ़ प्रदेश एन एच एम कर्मचारी संघ निम्नलिखित बिंदुओं की मांग किया है-
1- संविलियन एवं स्थायीकरण एन एच एम के अनुभवी संविदा कर्मियों का सेवाकाल एवं कार्य की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए, अन्य राज्यों की तर्ज पर इनका संविलियन किया जाए। स्वयं छत्तीसगढ़ प्रदेश में शिक्षा विभाग में कार्यरत हजारों शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन किया गया है।
2- पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना एक पृथक पब्लिक हेल्थ कैडर का गठन कर क्लिनिकल तथा मैनेजमेंट कैडर के एन एच एम कर्मचारियों को इसमें समायोजित किया जाए, जिससे स्वास्थ्य व्यबस्था में स्थायीत्व एवं पेशेवर गुणवत्ता सुनिश्चित हो। अवगत होना चाहेंगे कि पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना का विजन नवीन राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति का एक महतवपूर्ण विषय है तथा माननीय नरेंद्र मोदी जी की केंद्र सरकार का भी इस पर जोर दिया गया।
3- ग्रेड पे निर्धारण पद, योग्यता एवं कार्य अनुभव के अनुसार समान कार्य के लिए समान वेतन की नीति लागू कर ग्रेड पे निर्धारित किया जाए। मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान राज्यों में NHM कर्मचारियों हेतु ग्रेड पे व्यवस्था लागू की गई है। ग्रेड पे के माध्यम से वेतन विसंगति का निराकरण भी होगा।
4- कार्य मूल्यांकन (CR) व्यवस्था में पारदर्शिता- कई प्रकरणों में देखा जा रहा है कि, किसी कर्मचारी का कार्य मूल्यांकन व्यक्तिगत दुर्भावना के आधार पर खराब कर दिया जाता है इसमें पारदर्शिता लाने बाबत व्यवस्था बनाई जाये।
5- लंबित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि जुलाई 2023 को संविदा कर्मचारियों हेतु घोषित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि कई अन्य विभागों
जैसे मनरेगा, आजीविका मिशन, आवास योजना में प्रदाय किया जा चुका है एन एच एम कर्मचारी आज पर्यंत तक उक्त लाभ से वंचित हैं।
6- नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण जब तक स्थाईकरण हेतु नीति नहीं बन जाती तब तक स्वास्थ्य विभाग में हो रही नियमित भर्तियों में एन एच एम कर्मचारियों के लिए मध्य प्रदेश की तरह 50% सीटें आरक्षित की जावे जिससे अनुभवी मानव संसाधन का लाभ प्रदेश को मिल सके।

7- अनुकंपा नियुक्ति- सेवा काल के दौरान दिवंगत एन एच एम कर्मियों के परिजनों को मानवीय आधार पर अनुकंपा नियुक्ति की सुविधा प्रदान की जाए। यह सुविधा मध्य प्रदेश में लागू की गई है जबकि छत्तीसगढ़ में यह बिजली विभाग में प्रदान की जा रही है।
8- मेडिकल एवं अन्य अवकाश की सुविधा एन एच एम संविदा कर्मियों को भी नियमित कर्मियों के समकक्ष सवैतनिक चिकित्सा अवकाश, संतान पालन अवकाश, अर्जित अवकाश जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएं।
9- स्थानांतरण नीति – विशेष परिस्थितियों जैसे चिकित्सकीय आवश्यकता, पारिवारिक दायित्व, पति-पत्नी प्रकरण को ध्यान में रखते हुए एक पारदर्शी एवं मानवीय स्थानांतरण नीति बनाई जाए।
10- न्यूनतम 10 लाख तक कैशलेश चिकित्सा बीमा सुविधा अल्प वेतन में कार्य कर रहे एन एच एम संविदा कर्मों जब किसी रोग या दुर्घटना से पीड़ित होते हैं तो परिवार पर आर्थिक बोझ पडता है कई प्रकरण में धन के अभाव में कर्मचारी की जान भी चली जाती है, उक्त प्रावधान से सामाजिक सुरक्षा पुष्ट होगी।
